Sunday, September 2, 2018

खतरे में लोकतंत्र - अपने पैरों से तेजी से फिसलती जमीन को देखते हुए दमनात्मक कदमों पर आमादा भाजपा



मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और जानेमाने बुद्धिजीवियों की गिरफतारी पर न्यू सोशलिस्ट इनिशिएटिव’  का वक्तव्य


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न्यू सोशलिस्ट इनिशिएटिव, पुणे पुलिस द्वारा अपने केसरिया आंकाओं के निर्देशों पर मनमाने तरीके से और दुर्भावना के साथ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों, प्रोफेसरों और कवियों के घरों पर एक साथ डाले गए छापे और उनमें से पांच को - सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, अरूण परेरा, वेरनॉन गोन्साल्वेस और वरवरा राव - मनगढंत आरोपों के तहत गिरफतार किए जाने की कड़े शब्दों में भर्त्सना करता है।

इन सभी व्यक्तियों की बिना शर्त तत्काल रिहाई तथा उनके खिलाफ बेहद दमनकारी गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम/Unlawful Activities Prevention Act/ के तहत लगाए गए फर्जी आरोपो ंको वापस लेने की मांग करते हुए, उसकी तरफ से यह भी कहा गया है कि उन दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए जिन्होंने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है।